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 अब कंधे के दर्द को कहे अलविदा!
आइये जानते है
डॉ. शेखर श्रीवास्तव बता रहे है फ्रोज़न शोल्डर (कंधो का जाम होना) का ईलाज और रोकथाम के उपाय

डॉ. शेखर शश्रीवास्तव जोकि एक जाने माने आर्थोपेडिक्स कंसलटेंट है वे दिल्ली के संत परमानन्द अस्पताल के दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ़ ट्रामा एंड आर्थोपेडिक्स विभाग में पिछले १५ वर्षो से एक अर्थ्रोस्कोपिक शल्य चिकित्सक के पद पर कार्यरत है, डॉ. शेखर श्रीवास्तव बतलाते है की कंधे का जाम होना जिसे फ्रोज़न शोल्डर भी कहते है कंधे के दर्द की होने वाली एक आम समस्या है और जिसमे कंधे में दर्द होता है और कंधा जाम होने लगता है, ज्यादातर मामले ४०-५० या उससे ज्यादा उम्र दराज़ लोगो में देखने को मिलते है | सुगर या थयरॉइड के मरीजों में तो ये समस्या और गंभीर हो सकती है|
कंधे के बनावट और कैसे ये रोग होता है?
डॉ. शेखर श्रीवास्तव बतलाते है की मनुष्य के कंधे एक बॉल (गेंदनुमा) जॉइंट में एक कप की शेप के अंदर जुड़ा रहता है जैसे एक कप में एक बॉल घूमती है तो कन्धा भी घूमता है मूवमेंट लेता है और हम अपने हाथों को ऊपर नीचे कर पाते है इस बॉल और कप के चारों और एक कैप्सूल होता है जोकि कंधे की मूवमेंट के लिए जिम्मेदार होता है बीमारी रोग के आने पर ये कैप्सूल सिकुड़ने लगता है और अपनी साइज से छोटा हो जाता है जिससे आपके कंधे की मूवमेंट धीरे धीरे रुकने लगती है और जैसे ही आप अपने हाथो को ऊपर लेकर जाते है दर्द होने लगता है।  ज्यादा रोग बढ़ने पर ये कंधे के हर प्रकार के मूवमेंट पर दर्द करता है और आपको रात में सोते हुए भी परेशान करता है आप कोई भारी वस्तु भी उठा नहीं पाते और दर्द बढ़ता जाता है.
तो इसका इलाज क्या है ?
डॉ.शेखर श्रीवास्तव बतलाते है की ये कंधे के जाम होकर दर्द बने रहने की समस्या आम पायी जाती है और इसकी वजह से लोगो को काफी तकलीफ भी होती है
डॉ.शेखर श्रीवास्तव बतलाते है की कंधे के जाम की समस्या के इलाज हेतु कुछ विशेष तरह की कसरत या फिजियोथेरेपी की आवश्कता होती है जिसे किसी अनुभवी / प्रशिक्षित फिजियोथेरेपी चिकित्सक की देखरेख में करवाना जरुरी होता है , दूसरा दवाइयों के रूप में आर्थोपेडिक्स चिकित्सक द्वारी बतलाई गई दवाइयाँ रोग की रोकथाम के लिए ली जा सकती है|
डॉक्टर का मुख्य कार्य ऐसे मरीज के लिए ये होता है की जो कंधे का कैप्सूल सिकुड़ गया है उसे पहले की तरह सामान्य अवस्था में लाया जाये तो इन सबके लिए दवाईयाँ और फिजियोथेरेपी दोनों का ही निदान मरीज को से हफ्तों तक लेना पड़ सकता है|
ज्यादातर मामलो में रोग काफी हद तक ठीक हो जाता है पर कुछ विशेष मामलो जैसे ज्यादा पुरानी या आकस्मिक लगी कंधे की चोट, या कोई अन्धुनि जख्म , बढ़ती उम्र , मधुमेंह, उच्च रक्तचाप या  ठ्यरोइड जैसे रोग के चलते मरीज़ दवाईयाँ और फिजियोथेरेपी दोनों से ही जब ठीक नहीं हो पाते  तब एक आसान और सुरक्षित रास्ता कंधे के शल्य चिकित्सा (फ्रोज़न शोल्डर रिपेयर सर्जरी) ही रह जाता है |
डॉ. शेखर श्रीवास्तव बतलाते है की कंधे की सर्जरी एक ऑर्थोस्कोपी शल्य चिकित्सा तकनीक के जरिये पूरी की जाती है जिसमें मरीज़ को कंधे के अंदर एक पैन की नीभ जितने बारीक़ 2 छोटे से छेद करके एक छेद से कैमरा और दूसरे छेद से शल्य चिकित्सा उपक्रण ( ऑर्थोस्कोपी इंस्ट्रूमेंट) ड़ालकर उस जगह ले जाते है जहाँ कंधे का कैप्सूल सिकुड़ गया होता है और चिकित्सक उस सुकडे फ्रोज़न कैप्सूल को वापस ठीक अवस्था में ले आते है और इस प्रकार मरीज पूरी तरह से ठीक हो पता है| सर्जरी के बाद मरीज को कंधे के जाम और दर्द की समस्या से निदान मिल जाता है और मरीज पहले जैसी अपनी लाइफ को एन्जॉय कर पाता है |


डॉ.शेखर श्रीवास्तव और कंधे के दर्द से निजाद पाने के लिए यदि और जानना चहाते है तो वेबसाइट www.delhiarthroscopy.com पर जाये और डॉक्टर शेखर श्रीवास्तव से अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करे 9971192233    

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  1. Dr. Shekhar Srivastav
    Delhi Institute of Trauma & Orthopaedics (DITO)
    Sant Parmanand Hospital
    18, Sham Nath Marg
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    Office - 91-11-23994401-10, 23991260
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